SHLOKA (श्लोक)
अपि चेत्सुदुराचारो भजते मामनन्यभाक्।
साधुरेव स मन्तव्यः सम्यग्व्यवसितो हि सः।।9.30।।
साधुरेव स मन्तव्यः सम्यग्व्यवसितो हि सः।।9.30।।
PADACHHED (पदच्छेद)
अपि, चेत्_सुदुराचार:, भजते, माम्_अनन्य-भाक्,
साधु:_एव, स:, मन्तव्य:, सम्यक्_व्यवसित:, हि, स: ॥ ३० ॥
साधु:_एव, स:, मन्तव्य:, सम्यक्_व्यवसित:, हि, स: ॥ ३० ॥
ANAVYA (अन्वय-हिन्दी)
चेत् सुदुराचार: अपि अनन्यभाक् मां भजते (तर्हि) स: साधु: एव मन्तव्य:,
हि स: सम्यक् व्यवसित:।
हि स: सम्यक् व्यवसित:।
Hindi-Word-Translation (हिन्दी शब्दार्थ)
चेत् [यदि ((कोई))], सुदुराचार: [अतिशय दुराचारी], अपि [भी], अनन्यभाक् [अनन्यभाव से ((मेरा भक्त होकर))], माम् [मुझको], भजते (तर्हि) [भजता है (तो)], स: [वह], साधु: [साधु], एव [ही], मन्तव्य: [मानने योग्य है;],
हि [क्योंकि], स: [वह], सम्यक् [यथार्थ], व्यवसित: [निश्चय वाला है अर्थात् उसने भलीभाँति निश्चय कर लिया है कि परमेश्वर के भजन के समान अन्य कुछ भी नहीं है।],
हि [क्योंकि], स: [वह], सम्यक् [यथार्थ], व्यवसित: [निश्चय वाला है अर्थात् उसने भलीभाँति निश्चय कर लिया है कि परमेश्वर के भजन के समान अन्य कुछ भी नहीं है।],
हिन्दी भाषांतर
यदि ((कोई)) अतिशय दुराचारी भी अनन्यभाव से ((मेरा भक्त होकर)) मुझको भजता है (तो) वह साधु ही मानने योग्य है;
क्योंकि वह यथार्थ निश्चयवाला है अर्थात् उसने भलीभाँति निश्चय कर लिया है कि परमेश्वर के भजन के समान अन्य कुछ भी नहीं है।
क्योंकि वह यथार्थ निश्चयवाला है अर्थात् उसने भलीभाँति निश्चय कर लिया है कि परमेश्वर के भजन के समान अन्य कुछ भी नहीं है।