Chapter 18 – मोक्षसन्न्यासयोग Shloka-13
SHLOKA
पञ्चैतानि महाबाहो कारणानि निबोध मे।
सांख्ये कृतान्ते प्रोक्तानि सिद्धये सर्वकर्मणाम्।।18.13।।
सांख्ये कृतान्ते प्रोक्तानि सिद्धये सर्वकर्मणाम्।।18.13।।
PADACHHED
पञ्च_एतानि, महाबाहो, कारणानि, निबोध, मे,
साङ्ख्ये, कृतान्ते, प्रोक्तानि, सिद्धये, सर्व-कर्मणाम् ॥ १३ ॥
साङ्ख्ये, कृतान्ते, प्रोक्तानि, सिद्धये, सर्व-कर्मणाम् ॥ १३ ॥
ANAVYA
(हे) महाबाहो! सर्वकर्मणां सिद्धये एतानि पञ्च कारणानि कृतान्ते
साङ्ख्ये प्रोक्तानि (तानि) (त्वम्) मे निबोध।
साङ्ख्ये प्रोक्तानि (तानि) (त्वम्) मे निबोध।
ANAVYA-INLINE-GLOSS
(हे) महाबाहो! [हे महाबाहो!], सर्वकर्मणाम् [सम्पूर्ण कर्मों की], सिद्धये [सिद्धि के], एतानि [ये], पञ्च [पाँच], कारणानि [हेतु], कृतान्ते [कर्मों का अन्त करने के लिये (उपाय बतलाने वाले)],
साङ्ख्ये [सांख्यशास्त्र में], प्रोक्तानि [कहे गये हैं,], {(तानि) [उनको]}, {(त्वम्) [तुम]}, मे [मुझसे], निबोध [भलीभाँति जानो।],
साङ्ख्ये [सांख्यशास्त्र में], प्रोक्तानि [कहे गये हैं,], {(तानि) [उनको]}, {(त्वम्) [तुम]}, मे [मुझसे], निबोध [भलीभाँति जानो।],
ANUVAAD
हे महाबाहो! सम्पूर्ण कर्मों की सिद्धि के ये पाँच हेतु कर्मों का अन्त करने के लिये (उपाय बतलाने वाले)
सांख्यशास्त्र में कहे गये हैं, (उनको) (तुम) मुझसे भलीभाँति जानो।
सांख्यशास्त्र में कहे गये हैं, (उनको) (तुम) मुझसे भलीभाँति जानो।