SHLOKA (श्लोक)
राजविद्या राजगुह्यं पवित्रमिदमुत्तमम्।
प्रत्यक्षावगमं धर्म्यं सुसुखं कर्तुमव्ययम्।।9.2।।
प्रत्यक्षावगमं धर्म्यं सुसुखं कर्तुमव्ययम्।।9.2।।
PADACHHED (पदच्छेद)
राज-विद्या, राज-गुह्यम्, पवित्रम्_इदम्_उत्तमम्,
प्रत्यक्षावगमम्, धर्म्यम्, सुसुखम्, कर्तुम्_अव्ययम् ॥ २ ॥
प्रत्यक्षावगमम्, धर्म्यम्, सुसुखम्, कर्तुम्_अव्ययम् ॥ २ ॥
ANAVYA (अन्वय-हिन्दी)
इदं (ज्ञानम्) राजविद्या राजगुह्मं पवित्रम् उत्तमं
प्रत्यक्षावगमं धर्म्यं कर्तुं सुसुखम् अव्ययम् (च) (वर्तते)।
प्रत्यक्षावगमं धर्म्यं कर्तुं सुसुखम् अव्ययम् (च) (वर्तते)।
Hindi-Word-Translation (हिन्दी शब्दार्थ)
इदम् (ज्ञानम्) [यह ((विज्ञान सहित)) ज्ञान)], राजविद्या [सब विद्याओं का राजा,], राजगुह्मम् [सब गोपनीयों का राजा,], पवित्रम् [अति पवित्र,], उत्तमम् [अति उत्तम,],
प्रत्यक्षावगमम् [प्रत्यक्ष फल वाला।], धर्म्यम् [धर्मयुक्त], कर्तुम् [साधन करने में], सुसुखम् [बड़ा सुगम], अव्ययम् (च) (वर्तते) [(और) अविनाशी है।],
प्रत्यक्षावगमम् [प्रत्यक्ष फल वाला।], धर्म्यम् [धर्मयुक्त], कर्तुम् [साधन करने में], सुसुखम् [बड़ा सुगम], अव्ययम् (च) (वर्तते) [(और) अविनाशी है।],
हिन्दी भाषांतर
यह ((विज्ञान सहित)) (ज्ञान) सब विद्याओं का राजा, सब गोपनीयों का राजा, अति पवित्र, अति उत्तम,
प्रत्यक्ष फल वाला, धर्मयुक्त साधन करने में बड़ा सुगम (और) अविनाशी है।
प्रत्यक्ष फल वाला, धर्मयुक्त साधन करने में बड़ा सुगम (और) अविनाशी है।