SHLOKA (श्लोक)
यथैधांसि समिद्धोऽग्निर्भस्मसात्कुरुतेऽर्जुन।
ज्ञानाग्निः सर्वकर्माणि भस्मसात्कुरुते तथा।।4.37।।
ज्ञानाग्निः सर्वकर्माणि भस्मसात्कुरुते तथा।।4.37।।
PADACHHED (पदच्छेद)
यथा_एधांसि, समिद्ध:_अग्नि:_भस्मसात्_कुरुते_अर्जुन,
ज्ञानाग्नि:, सर्व-कर्माणि, भस्मसात्_कुरुते, तथा ॥ ३७ ॥
ज्ञानाग्नि:, सर्व-कर्माणि, भस्मसात्_कुरुते, तथा ॥ ३७ ॥
ANAVYA (अन्वय-हिन्दी)
(यतो हि) (हे) अर्जुन! यथा समिद्धः अग्नि: एधांसि भस्मसात्
कुरुते तथा (एव) ज्ञानाग्नि: सर्वकर्माणि भस्मसात् कुरुते।
कुरुते तथा (एव) ज्ञानाग्नि: सर्वकर्माणि भस्मसात् कुरुते।
Hindi-Word-Translation (हिन्दी शब्दार्थ)
{(यतो हि) [क्योंकि], (हे) अर्जुन! [हे अर्जुन!], यथा [जैसे], समिद्धः [प्रज्वलित], अग्नि: [अग्नि], एधांसि [ईंधनों को], भस्मसात् [जलाकर नष्ट],
कुरुते [कर देता है,], तथा [वैसे ही], ज्ञानाग्नि: [ज्ञान रूपी अग्नि], सर्वकर्माणि [सम्पूर्ण कर्मों को], भस्मसात् [जलाकर नष्ट ], कुरुते [कर देता है।],
कुरुते [कर देता है,], तथा [वैसे ही], ज्ञानाग्नि: [ज्ञान रूपी अग्नि], सर्वकर्माणि [सम्पूर्ण कर्मों को], भस्मसात् [जलाकर नष्ट ], कुरुते [कर देता है।],
हिन्दी भाषांतर
(क्योंकि) हे अर्जुन! जैसे प्रज्वलित अग्नि ईंधनों को जलाकर नष्ट
कर देता है वैसे (ही) ज्ञान रूपी अग्नि सम्पूर्ण कर्मों को जलाकर नष्ट कर देता है।
कर देता है वैसे (ही) ज्ञान रूपी अग्नि सम्पूर्ण कर्मों को जलाकर नष्ट कर देता है।