SHLOKA (श्लोक)
यस्य सर्वे समारम्भाः कामसङ्कल्पवर्जिताः।
ज्ञानाग्निदग्धकर्माणं तमाहुः पण्डितं बुधाः।।4.19।।
ज्ञानाग्निदग्धकर्माणं तमाहुः पण्डितं बुधाः।।4.19।।
PADACHHED (पदच्छेद)
यस्य, सर्वे, समारम्भा:, काम-सङ्कल्प-वर्जिता:,
ज्ञानाग्नि-दग्ध-कर्माणम्, तम्_आहु:, पण्डितम्, बुधा: ॥ १९ ॥
ज्ञानाग्नि-दग्ध-कर्माणम्, तम्_आहु:, पण्डितम्, बुधा: ॥ १९ ॥
ANAVYA (अन्वय-हिन्दी)
यस्य सर्वे समारम्भा: कामसङ्कल्पवर्जिता: (च)
ज्ञानाग्निदग्धकर्माणं तं (महापुरुषम्) बुधा: पण्डितम् आहुः।
ज्ञानाग्निदग्धकर्माणं तं (महापुरुषम्) बुधा: पण्डितम् आहुः।
Hindi-Word-Translation (हिन्दी शब्दार्थ)
यस्य [जिसके], सर्वे [सम्पूर्ण ((शास्त्रसम्मत))], समारम्भा: [कर्मों का आरम्भ], कामसङ्कल्पवर्जिता: (च) [बिना कामना और संकल्प के होते हैं (तथा)],
ज्ञानाग्निदग्धकर्माणम् [जिसके समस्त कर्म ज्ञानरूप अग्नि के द्वारा भस्म हो गये हैं,], तम् ( महापुरुषम्) [उस महापुरुष को], बुधा: [ज्ञानीजन], पण्डितम् [पण्डित ((बुद्धिमान्)) ], आहु [कहते हैं।]
ज्ञानाग्निदग्धकर्माणम् [जिसके समस्त कर्म ज्ञानरूप अग्नि के द्वारा भस्म हो गये हैं,], तम् ( महापुरुषम्) [उस महापुरुष को], बुधा: [ज्ञानीजन], पण्डितम् [पण्डित ((बुद्धिमान्)) ], आहु [कहते हैं।]
हिन्दी भाषांतर
जिसके सम्पूर्ण ((शास्त्रसम्मत)) कर्मों का आरम्भ बिना कामना और संकल्प के होते हैं (तथा)
जिसके समस्त कर्म ज्ञानरूप अग्नि के द्वारा भस्म हो गये हैं, उस (महापुरुष) को ज्ञानीजन पण्डित ((बुद्धिमान्)) कहते हैं।
जिसके समस्त कर्म ज्ञानरूप अग्नि के द्वारा भस्म हो गये हैं, उस (महापुरुष) को ज्ञानीजन पण्डित ((बुद्धिमान्)) कहते हैं।