SHLOKA (श्लोक)
श्रेयान्स्वधर्मो विगुणः परधर्मात्स्वनुष्ठितात्।
स्वधर्मे निधनं श्रेयः परधर्मो भयावहः।।3.35।।
स्वधर्मे निधनं श्रेयः परधर्मो भयावहः।।3.35।।
PADACHHED (पदच्छेद)
श्रेयान्_स्व-धर्म:, विगुण:, पर-धर्मात्_स्व-नुष्ठितात्
स्व-धर्मे, निधनम्, श्रेय: , पर-धर्म:, भयावह: ॥ ३५ ॥
स्व-धर्मे, निधनम्, श्रेय: , पर-धर्म:, भयावह: ॥ ३५ ॥
ANAVYA (अन्वय-हिन्दी)
स्वनुष्ठितात् परधर्मात् विगुण: (अपि) स्वधर्म: श्रेयान् (अस्ति)।
स्वधर्मे (तु) निधनं (अपि) श्रेय:, परधर्म: भयावह: (च) (अस्ति) ।
स्वधर्मे (तु) निधनं (अपि) श्रेय:, परधर्म: भयावह: (च) (अस्ति) ।
Hindi-Word-Translation (हिन्दी शब्दार्थ)
स्वनुष्ठितात् [अच्छी प्रकार से आचरण में लाये हुए], परधर्मात् [दूसरे के धर्म से], विगुण: (अपि) [गुणरहित (भी)], स्वधर्म: [अपना धर्म], श्रेयान् (अस्ति) [अति उत्तम है।],
स्वधर्मे (तु) [अपने धर्म में (तो)], निधनम् (अपि) [मरना (भी)], श्रेय: [कल्याणकारक है ({च [और])], परधर्म: [दूसरे का धर्म], भयावह: (अस्ति) [भय को देने वाला है।],
स्वधर्मे (तु) [अपने धर्म में (तो)], निधनम् (अपि) [मरना (भी)], श्रेय: [कल्याणकारक है ({च [और])], परधर्म: [दूसरे का धर्म], भयावह: (अस्ति) [भय को देने वाला है।],
हिन्दी भाषांतर
अच्छी प्रकार से आचरण में लाये हुए दूसरे के धर्म से गुणरहित (भी) अपना धर्म अति उत्तम है।
अपने धर्म में (तो) मरना (भी) कल्याणकारक है (और) दूसरे का धर्म भय को देने वाला है।
अपने धर्म में (तो) मरना (भी) कल्याणकारक है (और) दूसरे का धर्म भय को देने वाला है।