SHLOKA
न चैतद्विद्मः कतरन्नो गरीयो
यद्वा जयेम यदि वा नो जयेयुः।
यानेव हत्वा न जिजीविषाम-
स्तेऽवस्थिताः प्रमुखे धार्तराष्ट्राः।।2.6।।
यद्वा जयेम यदि वा नो जयेयुः।
यानेव हत्वा न जिजीविषाम-
स्तेऽवस्थिताः प्रमुखे धार्तराष्ट्राः।।2.6।।
PADACHHED
न, च_एतत्_विद्य:, कतरत्_नः, गरीय:,
यत्_वा, जयेम, यदि, वा, नः, जयेयु:, यान्_एव, हत्वा, न,
जिजीविषाम:_ते_अवस्थिता:, प्रमुखे, धार्तराष्ट्रा: ॥ ६ ॥
यत्_वा, जयेम, यदि, वा, नः, जयेयु:, यान्_एव, हत्वा, न,
जिजीविषाम:_ते_अवस्थिता:, प्रमुखे, धार्तराष्ट्रा: ॥ ६ ॥
ANAVYA
(वयं) एतत् च न विद्मः न: कतरत् गरीय:; यत् वा जयेम यदि वा नः जयेयु:;
(च) यान् हत्वा न जिजीविषाम:, ते एव धार्तराष्ट्रा: प्रमुखे अवस्थिता:।
(च) यान् हत्वा न जिजीविषाम:, ते एव धार्तराष्ट्रा: प्रमुखे अवस्थिता:।
ANAVYA-INLINE-GLOSS
{(वयं) [हम]}, एतत् [यह], च [भी], न [नहीं], विद्मः [जानते ((कि))], न: [हमारे लिये ((युद्ध करना या न करना-इन दोनों में से))], कतरत् [ कौन-सा], गरीय: [श्रेष्ठ है], यत् वा [अथवा ((यह भी नहीं जानते कि))], जयेम [(उन्हें हम) जीतेंगे], यदि वा [या], नः [हमको ((वे))], जयेयु: [जीतेंगे।], (च) यान् [(और) जिनको], हत्वा [मारकर ((हम))], न जिजीविषाम: [जीना भी नहीं चाहते,], ते [वे], एव [ही ((हमारे आत्मीय))], धार्तराष्ट्रा: [धृतराष्ट्र के पुत्र], प्रमुखे [((हमारे सामने)) मुकाबले में], अवस्थिता: [खड़े हैं।],
ANUVAAD
(हम) यह भी नहीं जानते ((कि)) हमारे लिये ((युद्ध करना या न करना-इन दोनों में से)) कौन-सा श्रेष्ठ है, अथवा ((यह भी नहीं जानते कि उन्हें हम)) जीतेंगे या हमको ((वे)) जीतेंगे।(और) जिनको मारकर ((हम)) जीना भी नहीं चाहते, वे ही ((हमारे आत्मीय)) धृतराष्ट्र के पुत्र ((हमारे सामने)) मुकाबले में खड़े हैं।