SHLOKA (श्लोक)
अर्जुन उवाच -
कथं भीष्ममहं संख्ये द्रोणं च मधुसूदन।
इषुभिः प्रतियोत्स्यामि पूजार्हावरिसूदन।।2.4।।
कथं भीष्ममहं संख्ये द्रोणं च मधुसूदन।
इषुभिः प्रतियोत्स्यामि पूजार्हावरिसूदन।।2.4।।
PADACHHED (पदच्छेद)
अर्जुन उवाच -
कथम्, भीष्मम्_अहम्, सङ्ख्ये, द्रोणम्, च, मधुसूदन,
इषुभि:, प्रति_योत्स्यामि, पूजार्हौ_अरिसूदन ॥ ४ ॥
कथम्, भीष्मम्_अहम्, सङ्ख्ये, द्रोणम्, च, मधुसूदन,
इषुभि:, प्रति_योत्स्यामि, पूजार्हौ_अरिसूदन ॥ ४ ॥
ANAVYA (अनव्या-हिन्दी)
अर्जुन उवाच -
(हे) मधुसूदन! अहं सङ्ख्ये कथम् इषुभि: भीष्मं च
द्रोणं प्रति योत्स्यामि (यत:) (हे) अरिसूदन! (तौ एव) पूजार्हौ (स्तः)।
(हे) मधुसूदन! अहं सङ्ख्ये कथम् इषुभि: भीष्मं च
द्रोणं प्रति योत्स्यामि (यत:) (हे) अरिसूदन! (तौ एव) पूजार्हौ (स्तः)।
Hindi-Word-Translation (हिन्दी शब्दार्थ)
अर्जुन उवाच - (हे) मधुसूदन! [हे मधुसूदन!], अहम् [मैं], सङ्ख्ये [रणभूमि में], कथम्, [किस प्रकार], इषुभि: [बाणों से], भीष्मम् [भीष्म पितामह], च [और],
द्रोणम् [द्रोणाचार्य के], प्रति योत्स्यामि [विरुद्ध लड़ूँगा ?], {(यत:) [क्योंकि]}, (हे) अरिसूदन! [हे अरिसूदन! ((श्रीकृष्ण))], {(तौ एव) [वे दोनों ही]}, पूजार्हौ (स्तः) [पूजनीय हैं।],
द्रोणम् [द्रोणाचार्य के], प्रति योत्स्यामि [विरुद्ध लड़ूँगा ?], {(यत:) [क्योंकि]}, (हे) अरिसूदन! [हे अरिसूदन! ((श्रीकृष्ण))], {(तौ एव) [वे दोनों ही]}, पूजार्हौ (स्तः) [पूजनीय हैं।],
हिन्दी भाषांतर
अर्जुन ने कहा - हे मधुसूदन! मैं रणभूमि में किस प्रकार बाणों से भीष्म पितामह और
द्रोणाचार्य के विरुद्ध लड़ूँगा ? (क्योंकि) हे अरिसूदन! ((श्रीकृष्ण)) (वे दोनों ही) पूजनीय हैं।
द्रोणाचार्य के विरुद्ध लड़ूँगा ? (क्योंकि) हे अरिसूदन! ((श्रीकृष्ण)) (वे दोनों ही) पूजनीय हैं।