Chapter 18 – मोक्षसन्न्यासयोग Shloka-7
SHLOKA
नियतस्य तु संन्यासः कर्मणो नोपपद्यते।
मोहात्तस्य परित्यागस्तामसः परिकीर्तितः।।18.7।।
मोहात्तस्य परित्यागस्तामसः परिकीर्तितः।।18.7।।
PADACHHED
नियतस्य, तु, सन्न्यास:, कर्मण:, न_उपपद्यते,
मोहात्_तस्य, परित्याग:_तामस:, परिकीर्तित: ॥ ७ ॥
मोहात्_तस्य, परित्याग:_तामस:, परिकीर्तित: ॥ ७ ॥
ANAVYA
तु नियतस्य कर्मण: सन्न्यास: न उपपद्यते (अतः)
मोहात् तस्य परित्याग: तामस: परिकीर्तित:।
मोहात् तस्य परित्याग: तामस: परिकीर्तित:।
ANAVYA-INLINE-GLOSS
तु [परन्तु], नियतस्य [नियत], कर्मण: [कर्म का], सन्न्यास: [((स्वरूप से)) त्याग], न उपपद्यते [उचित नहीं है।], {(अतः) [इसलिये]},
मोहात् [मोह के कारण], तस्य [उसका], परित्याग: [त्याग कर देना], तामस: [तामस], परिकीर्तित: [((त्याग)) कहा गया है।],
मोहात् [मोह के कारण], तस्य [उसका], परित्याग: [त्याग कर देना], तामस: [तामस], परिकीर्तित: [((त्याग)) कहा गया है।],
ANUVAAD
परन्तु नियत कर्म का ((स्वरूप से)) त्याग उचित नहीं है। (इसलिये)
मोह के कारण उसका त्याग कर देना तामस ((त्याग)) कहा गया है।
मोह के कारण उसका त्याग कर देना तामस ((त्याग)) कहा गया है।