SHLOKA
य एवं वेत्ति पुरुषं प्रकृतिं च गुणैः सह।
सर्वथा वर्तमानोऽपि न स भूयोऽभिजायते।।13.23।।
सर्वथा वर्तमानोऽपि न स भूयोऽभिजायते।।13.23।।
PADACHHED
य:, एवम्, वेत्ति, पुरुषम्, प्रकृतिम्, च, गुणै:, सह,
सर्वथा, वर्तमान:_अपि, न, स:, भूय:_अभिजायते ॥ २३ ॥
सर्वथा, वर्तमान:_अपि, न, स:, भूय:_अभिजायते ॥ २३ ॥
ANAVYA
एवं पुरुषं च गुणै: सह प्रकृतिं य: वेत्ति
स: सर्वथा वर्तमान: अपि भूय: न अभिजायते।
स: सर्वथा वर्तमान: अपि भूय: न अभिजायते।
ANAVYA-INLINE-GLOSS
एवम् [इस प्रकार], पुरुषम् [पुरुष को], च [और], गुणै: [गुणों के], सह [सहित], प्रकृतिम् [प्रकृति को], य: [जो ((मनुष्य))], वेत्ति [((तत्त्व से)) जानता है,],
स: [वह], सर्वथा [सब प्रकार से], वर्तमान: [कर्तव्य कर्म करता हुआ], अपि [भी], भूय: [फिर], न अभिजायते [जन्म नहीं लेता।],
स: [वह], सर्वथा [सब प्रकार से], वर्तमान: [कर्तव्य कर्म करता हुआ], अपि [भी], भूय: [फिर], न अभिजायते [जन्म नहीं लेता।],
ANUVAAD
इस प्रकार पुरुष को और गुणों के सहित प्रकृति को जो ((मनुष्य)) ((तत्त्व से)) जानता है,
वह सब प्रकार से कर्तव्य कर्म करता हुआ भी फिर जन्म नहीं लेता।
वह सब प्रकार से कर्तव्य कर्म करता हुआ भी फिर जन्म नहीं लेता।