SHLOKA (श्लोक)
अर्जुन उवाच -
मदनुग्रहाय परमं गुह्यमध्यात्मसंज्ञितम्।
यत्त्वयोक्तं वचस्तेन मोहोऽयं विगतो मम।।11.1।।
मदनुग्रहाय परमं गुह्यमध्यात्मसंज्ञितम्।
यत्त्वयोक्तं वचस्तेन मोहोऽयं विगतो मम।।11.1।।
PADACHHED (पदच्छेद)
अर्जुन उवाच -
मदनुग्रहाय, परमम्, गुह्यम्_अध्यात्म-सञ्ज्ञितम्,
यत्_त्वया_उक्तम्, वच:_तेन, मोह:_अयम्, विगत:, मम ॥ १ ॥
मदनुग्रहाय, परमम्, गुह्यम्_अध्यात्म-सञ्ज्ञितम्,
यत्_त्वया_उक्तम्, वच:_तेन, मोह:_अयम्, विगत:, मम ॥ १ ॥
ANAVYA (अन्वय-हिन्दी)
अर्जुन उवाच -
मदनुग्रहाय त्वया यत् परमं गुह्यम् अध्यात्मसञ्ज्ञितं वच:
उक्तं तेन मम अयं मोह: विगत:।
मदनुग्रहाय त्वया यत् परमं गुह्यम् अध्यात्मसञ्ज्ञितं वच:
उक्तं तेन मम अयं मोह: विगत:।
Hindi-Word-Translation (हिन्दी शब्दार्थ)
अर्जुन उवाच [अर्जुन ने कहा -], मदनुग्रहाय [मुझ पर अनुग्रह करने के लिये], त्वया [आपने], यत् [जो], परमम् [परम], गुह्यम् [गोपनीय], अध्यात्मसञ्ज्ञितम् [अध्यात्म विषयक], वच: [वचन अर्थात् उपदेश],
उक्तम् [कहा,], तेन [उससे], मम [मेरा], अयम् [यह], मोह: [अज्ञान], विगत: [नष्ट हो गया है।]
उक्तम् [कहा,], तेन [उससे], मम [मेरा], अयम् [यह], मोह: [अज्ञान], विगत: [नष्ट हो गया है।]
हिन्दी भाषांतर
अर्जुन ने कहा - मुझ पर अनुग्रह करने के लिये आपने जो परम गोपनीय अध्यात्म विषयक वचन अर्थात् उपदेश
कहा, उससे मेरा यह अज्ञान नष्ट हो गया है।
कहा, उससे मेरा यह अज्ञान नष्ट हो गया है।