SHLOKA
अनन्तविजयं राजा कुन्तीपुत्रो युधिष्ठिरः।
नकुलः सहदेवश्च सुघोषमणिपुष्पकौ।।1.16।।
नकुलः सहदेवश्च सुघोषमणिपुष्पकौ।।1.16।।
PADACHHED
अनन्तविजयम्, राजा, कुन्तीपुत्र:, युधिष्ठिर:,
नकुल:, सहदेव:_च, सुघोष-मणिपुष्पकौ ॥ १६ ॥
नकुल:, सहदेव:_च, सुघोष-मणिपुष्पकौ ॥ १६ ॥
ANAVYA
कुन्तीपुत्र: राजा युधिष्ठिर: अनन्तविजयम् (शङ्खं दध्मौ च) नकुल:
च सहदेव: सुघोषमणिपुष्पकौ (शङ्खौ दध्मतुः)।
च सहदेव: सुघोषमणिपुष्पकौ (शङ्खौ दध्मतुः)।
ANAVYA-INLINE-GLOSS
कुन्तीपुत्र: [कुन्ती के पुत्र], राजा [राजा], युधिष्ठिर: [युधिष्ठिर ने], अनन्तविजयम् (शङ्खं दध्मौ च) [अनन्तविजय ((नामक)) (शङ्ख बजाया और)], नकुल: [नकुल],
च [तथा], सहदेव: [सहदेव ने], सुघोषमणिपुष्पकौ [सुघोष और मणिपुष्पक (नामक), {(शङ्खौ दध्मतुः) [((नामक)) शंख बजाये]।},
च [तथा], सहदेव: [सहदेव ने], सुघोषमणिपुष्पकौ [सुघोष और मणिपुष्पक (नामक), {(शङ्खौ दध्मतुः) [((नामक)) शंख बजाये]।},
ANUVAAD
कुन्ती के पुत्र राजा युधिष्ठिर ने अनन्तविजय ((नामक)) (शङ्ख बजाया और) नकुल
तथा सहदेव ने सुघोष और मणिपुष्पक ((नामक)) (शंख बजाये)।
तथा सहदेव ने सुघोष और मणिपुष्पक ((नामक)) (शंख बजाये)।